गोरखपुर, मार्च 9 -- गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। 13 मार्च को होलिका दहन के साथ होलिकोत्सव का शुभारंभ हो जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इसे सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाना बेहद जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण संस्था हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. अनिता अग्रवाल ने महानगरवासियों से अपील की है कि होलिका दहन खुले मैदान या सुरक्षित स्थान पर करें, जहां आसपास ज्वलनशील वस्तुएं न हों और ऊपर से बिजली के तार न गुजर रहे हों। उन्होंने कहा कि सीसी (कंक्रीट) और डामर (अस्फाल्ट) सड़कों पर होलिका जलाने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। अधिक तापमान से डामर पिघलने लगता है और गड्ढे बन जाते हैं, जबकि कंक्रीट की सड़कें दरारों से कमजोर हो सकती हैं। होली का पर्व उल्लास और भाईचारे का प्रतीक है, इसे बिना किसी नुकसान और पूरी सतर्कता के साथ मनाना चाहिए।
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