नई दिल्ली, मार्च 6 -- हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन होलिका दहन की परंपरा है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होलिका दहन के पीछे धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने होलिका का विनाश किया था। इसे बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग होलिका में पुरानी और नकारात्मक चीजें अर्पित करके जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का स्वागत करते हैं। इस वर्ष होलिका दहन के दिन भद्रा का साया रहेगा, जिसके कारण शुभ मुहूर्त में कमी रहेगी। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर दो मिनट पर लग जाएगी। इस दिन भद्रा का साया भी रहेगा, जो रात 10 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुस...