नई दिल्ली, मार्च 12 -- होलिका दहन के दिन उबटन लगाने की परंपरा सालों से चली आ रही है। इस दिन घर के सदस्यों को उबटन लगाते हैं। काली सरसों से बना उबटन लगाने और उस उबटन को लगाने के बाद निकली मैल को होलिका की आग में जलाने की परंपरा है। ये परंपरा काफी पुरानी है और उत्तर भारत में हर घर में ऐसा होता है। मान्यता है कि होलिका की आग में शरीर सी निकली मैल को जलाने से ना केवल रोगों का नाश होता है बल्कि ये निगेटिविटी को भी खत्म करती है। वहीं स्किन पर चमक भी मिलती है। पुराने जमाने से ही बॉडी क्लीन करने के लिए उबटन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। अगर आपको ट्रेडिशनल सरसों का उबटन बनाना नहीं आता तो जान लें कैसे बनाएं।सरसों से कैसे बनाएं ट्रेडिशनल उबटन होलिका के दिन काली सरसों से बना उबटन शरीर पर लगाते हैं। जिससे शरीर साफ और बीमारियों से भी दूर रहे। ट्रेडिशनल...
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