रांची, अप्रैल 10 -- रांची, संवाददाता। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ यूएस वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिससे पुरानी से पुरानी और असाध्य रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। करीब 99 फीसदी दवाइयों में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इसकी दवा अंदरूनी समस्याओं से लड़ते हुए उसे पूर्ण रूप से ठीक कर देती है। बीमारी के एक बार ठीक हो जाने से दोबारा उसके उभरने के आसार नहीं होते। दवा बहुत महंगी नहीं होती। समान्य वर्ग के लोग भी इससे इलाज करा सकते हैं। हर दिन सिर्फ रांची में ही विभिन्न होम्योपैथी क्लीनिकों में उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दवा खाने के सिर्फ पंद्रह मिनट तक परहेज डॉ यूएस वर्मा ने बताया कि होम्योपैथ की दवा खाने के 15 मिनट तक ही परहेज की जरूरत होती है। उस दौरान लहसून, प्याज, अदर...
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