मुजफ्फरपुर, जुलाई 30 -- मुजफ्फरपुर। जिले के तैराकों में मछली की तरह तैरने की चाहत है, लेकिन संसाधन ही मयस्सर नहीं। सुविधाओं के अभाव में प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। मानक के अनुसार जिले में कहीं सार्वजनिक स्वीमिंग पूल नहीं है, जहां वे गोते लगाकर सफलता की ऊंचाई छू सकें। कोच भी सर्वसुलभ नहीं, जिनसे तैराकी की बारीकी सीख जिले का नाम राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन कर सकें। कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं, जो जिद और जुनून की बदौलत मेहनत से मुकाम पाए हैं। वहीं, संघ बनाकर शहर के कुछ खेलप्रेमी तैराकों को तराशने में जुटे हैं, लेकिन प्रायोजक और आयोजनों की कमी से अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। खेल विभाग द्वारा जिले के तैराकों को मदद नहीं मिल पाने से इनमें गहरी निराशा है। इनका कहना है कि अगर खिलाड़ियों को शुरू से ही सरकारी स्तर पर सहयोग और सुविधाएं मिलें तो जिले ...