जमशेदपुर, जुलाई 3 -- जमशेदपुर। साकची स्थित हुसैनी मिशन इमामबारगाह में रात एक गमगीन मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें मौलाना सैयद सादिक अली ने तस्लीम बयान फरमाया। मजलिस में मौलाना ने इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं के साथ-साथ अहलेबैत अलैहिस्सलाम की फज़ीलत और हजरत अली अकबर अलैहिस्सलाम के मसाएब को विस्तार से बयां किया।उन्होंने कहा कि अली अकबर, अपने नाना रसूल-ए-खुदा की शक्ल में बिल्कुल हमशक्ल थे और कर्बला की लड़ाई में उनकी शहादत इस्लाम के लिए एक अमर बलिदान है। मौलाना ने बताया कि जब प्यास की शिद्दत ने हद पार की, तब अली अकबर ने इमाम हुसैन से जंग की इजाजत मांगी। लड़ते हुए जब वे वापस आए तो कहा कि बाबा, अगर पानी मिल जाता तो मैं दिखा देता कि जंग कैसे लड़ी जाती है। लड़ाई के अंतिम क्षणों में दुश्मनों ने मिलकर हमला किया और बरछी का फल अली अकबर के सीने में टूट गया...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.