मुजफ्फरपुर, फरवरी 25 -- मुजफ्फरपुर। कंपनीबाग में सात दशक पुराना पेटी-बक्से का बाजार खत्म होने की कगार पर है। मनपसंद ट्रंक, रसोई से जुड़े स्टील के सामान और डिजाइनर आलमारी बनाने और बेचने वाले कर्ज में डूबे हैं। आर्थिक तंगी के कारण कई हुनरमंद हाथों को ठेला चलाने की नौबत आ पड़ी है। पीढ़ियों से इस पेशे से जुड़े लोग दूसरा धंधा अपनाने लगे हैं। इनका कहना है कि ऑनलाइन कंपनियों और बड़े शोरूम के सामने हम छोटी पूंजी वाले टिक नहीं सकते। बैंकों से लोन मिलना लोहे के चने चबाने जैसा है। मंदी से जूझते हुए दुकान चला रहे हैं। हमें संवारने की जगह अतिक्रमण के नाम पर नगर प्रशासन के द्वारा उजाड़ा जा रहा है। बैंकों से लोन और सरकारी योजनाओं का लाभ मिले तो कारीगर और दुकानदार फिर से खुशहाल हों। सात दशक पुराने कंपनीबाग रोड का पेटी-बक्सा कारोबार आज बदहली के कगार पर पहुंच गय...
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