नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- मोफीलिया पीड़ित प्रतियोगी छात्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा कि हीमोफीलिया पीड़ित व्यक्ति को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षाओं में दिव्यांग श्रेणी के आरक्षण से बाहर क्यों रखा गया? शीर्ष अदालत ने कहा कि वह संबंधित मामले की सुनवाई करेगा। जस्टिस अरविंद कुमार और एन.वी. अंजारिया की पीठ सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हीमोफीलिया पीड़ित प्रतियोगी छात्र की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जयना कोठारी ने पीठ से कहा कि यद्यपि हीमोफीलिया दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की अनुसूची के तहत प्रदान की गई एक मानक विकलांगता है, लेकिन यह मानक विकलांगता वाले व्यक्तियों को प्रदान किए गए 4 फीसदी आरक्षण के दायरे से बाहर ...
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