कोच्चि, जून 24 -- केरल हाई कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि कोई भी पुलिसकर्मी निगरानी और छानबीन का बहाना बनाकर या उसका हवाला देकर रात के समय किसी के भी घर में जबरन नहीं घुस सकती है। भले ही वह घर हिस्ट्रीशीटर बदमाश या बड़े आपराधिक मामलों के संदिग्धों का ही क्यों न हो। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एजी वरुण ने कहा कि हर आदमी का घर उसका मंदिर होता है, जिसकी पवित्रता को बेवक्त दरवाजा खटखटाकर बदनाम नहीं किया जा सकता। जस्टिस वरुण ने कहा, "एक व्यक्ति के जीवन के अधिकार में सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार शामिल है।" अदालत ने यह टिप्पणी एक कथित हिस्ट्रीशीटर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान की। याचिकाकर्ता ने केरल पुलिस अधिनियम के तहत अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की थी।क्या है मामला? थोपम्पडी पुलिस ने पुलिस कर्म...