नई दिल्ली, जुलाई 21 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को जम्मू-कश्मीर में एक पुलिस कांस्टेबल को 'हिरासत में लेकर उसे अमानवीय यातना' दिए जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके अलावा अदालत ने पीड़ित को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि कांस्टेबल को अवैध हिरासत में रखने के दौरान लगी चोटें उसे दी गई अमानवीय यातना को स्पष्ट करती हैं। पीठ ने कहा कि ये सभी तथ्य इस अदालत की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला हैं। उसने कहा कि कांस्टेबल को साथी सरकारी अधिकारियों की हिरासत में जानलेवा चोटें आईं और बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई प्रभावी निवारण नहीं किया गया। आदेश में कहा गया कि हिरासत में यातना के बर्बर कृत्यों (जिसके परिणामस्वरूप उसे पूरी तरह से नपुंसक बना द...