गोपालगंज, अप्रैल 4 -- भोपतपुर बघउच दुर्गा स्थान पर आयोजित श्रीशतचंडी महायज्ञ का तीसरा दिन कुचायकोट। एक संवाददाता प्रखंड के भोपतपुर बघउच दुर्गा स्थान पर आयोजित श्रीशतचंडी महायज्ञ के दौरान श्रीधाम वृंदावन से पधारी श्रीमद्भागवत कथा वाचिका दीदी आराध्या ने कथा के तीसरे दिन भक्तों को अमृतमय प्रवचन का रसपान कराया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी पिता सुपात्र होता है, लेकिन पुत्र कुपात्र निकल जाता है। वहीं कुछ परिस्थितियों में पुत्र सुपात्र होता है, लेकिन पिता कुपात्र हो सकता है। इसका उदाहरण उन्होंने हिरण्यकशिपु और प्रह्लाद के प्रसंग से दिया। प्रह्लाद की मार्मिक कथा सुन श्रद्धालु भावुक हो गए। कई लोगों के आंखों से आंसू निकलने लगे। कथा वाचिका ने भगवान नरसिंह अवतार, प्रह्लाद की अटूट भक्ति, होलिका की समाप्ति और हिरण्यकशिपु वध की कथा विस्तार से सुनाई। इस अवसर...