हरिद्वार, सितम्बर 8 -- हरिद्वार, संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि हिमालय न केवल भौगोलिक दृष्टि से, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी भारत की आत्मा है। यह क्षेत्र अनादि काल से देवी-देवताओं का निवास स्थान रहा है। ऋषि-मुनियों ने यहीं तपस्या कर मानवता को ज्ञान, भक्ति और मोक्ष का मार्ग दिखाया। श्रीमहंत ने कहा कि हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं प्राकृतिक संसाधनों का भंडार ही नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र भी हैं। गंगा, यमुना सहित कई पवित्र नदियां यहीं से निकलती हैं, जो देश को जीवन देती हैं। जिस तरह हिमालय ने हमें सुरक्षा, संस्कृति और जल स्रोत दिए हैं, उसी तरह हम सबका कर्तव्य है कि इस धरोहर की रक्षा करें।

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