कानपुर, अप्रैल 24 -- हिन्दू था, हिन्दू बोला, मौत को सामने देख कर भी मेरा बेटा डरा नहीं। वह मरा नहीं, बल्कि शहीद हुआ है। ड्योढ़ी घाट पर शुभम के अंतिम संस्कार से पहले यह कहते हुए पिता संजय द्विवेदी फफक पड़े। बेटे पर गर्व कर रहे थे कि आतंकियों के सामने भी वह अपने धर्म को लेकर डटा रहा। साथ में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, पूर्व मंत्री अनंत मिश्र अंटू समेत कई लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे। परिवार के साथ सभी लोग शुभम की हत्या को शहादत बताते रहे। शुभम अपने परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। 23 अप्रैल को उन्हें घर लौटना था लेकिन इससे पहले ही पहलगाम में आतंकियों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद संजय और शुभम के बहनोई शुभम दुबे विशेष विमान से शव लेकर लखनऊ आए। सुबह मुख्यमंत्री के श्रद्धांजलि देने के बाद अंतिम यात्रा ड्योढ़ी घा...