अलीगढ़, दिसम्बर 24 -- अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। चने-मुरमुरे बेचकर जीवन यापन करने वाले दीपक कुमार ने बीते दिनों अपनी बेटी के हाथ पीले कर्ज लेकर किए हैं। वह बताते हैं कि सामूहिक विवाह के लिए जब विकास भवन में आवेदन करने गए तो समाज कल्याण विभाग में पहुंचने पर कर्मचारी ने बताया कि पहले से 250 आवेदन लंबित हैं। अगले साल आना। इस वजह से मजबूरन कर्ज लेकर शादी करनी पड़ी। अकेले दीपक ही नहीं बल्कि ऐसे लोग हैं, जो सामूहिक विवाह के इंतजार में है। जिले में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं, जिनकी बेटियों के विवाह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के भरोसे अटके हुए हैं। वित्तीय वर्ष के नौ महीने बीतने के बाद भी जिले में एक भी सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं हो सका है। सामूहिक विवाह योजना के अर्न्तगत हर वर्ष जिले में करीब एक हजार जोड़ों का विवाह कराया जाता रहा है। पिछले वर्...