रुडकी, अगस्त 21 -- कोविड-19 के बाद शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव आए हैं। तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है। एआई, इंटरनेट और मोबाइल जैसी तकनीक और उपकरण तेजी से शिक्षकों और छात्रों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। लेकिन, समाज में इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलु सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि कुछ लोग इस व्यवस्था को अच्छा बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि इससे बच्चों की रचनात्मक सोच खत्म होती जा रही है। शिक्षकों से लेकर छात्रों तक के आधे काम एआई जैसे टूल्स करने लगे हैं। इससे दोनों को काम आसान हुआ है। लेकिन सोचने की क्षमता और रचनात्मकता खत्म होती जा रही है। ऐसे में छात्र छात्राओं की रचनात्मकता और सोच को बढ़ाने के लिए हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसी परीक्षाएं काफी कारगर होंगी। इसी पर मंथन के लिए गुरुवार को हिन्दुस्तान की ओर से ओलंपियाड संवाद का आयोजन किया ...
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