बिजनौर, अक्टूबर 2 -- रूहानी गुरमीत समागम कीर्तन आयोजित कर गुरू तेग बहादुर के जीवन वृत्त पर संगीतमय ढंग से प्रकाश डाला गया। कालागढ़ रोड स्थित गुरूद्वारा परिसर में गुरू तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी को समर्पित दो दिवसीय रूहानी कीर्तन समागम का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिसमें महेंद्र सिंह मुरीद (पंजाब) तथा अमृतसर के ढाड़ी जत्थे ने संयुक्त रूप से गुरू तेग बहादुर जी के जीवन वृत्त पर संगीतमय ढंग से प्रकाश डाला। हिन्दू धर्म की रक्षा के मुद्दे को लेकर उन्होंने बादशाह औरंगजेब की एक भी न सुनी तथा अपने मिशन पर डेट रहे। गुरू तेग बहादुर जी बादशाह औरंगजेब के जुल्म रोकने के लिए शहादत देने स्वयं दिल्ली स्थित चांदनी चौक पहुंच गए थे। जत्थेदारों ने उनकी शहादत पर चर्चा करते हुए कहा कि सन् 1675 में कश्मीरी पंडितों की व्यथा सुनकर हिंदू धर्म की रक्षा के लिए भा...