चाईबासा, जून 30 -- नोवामुंडी,संवाददाता। नोवामुंडी कॉलेज में हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. साबिद हुसैन की अध्यक्षता में हिन्दी दलित साहित्य: स्वर, संवेदना और सामाजिक परिवर्तन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों को दलित साहित्य की सामाजिक प्रासंगिकता, संवेदनात्मक गहराई और परिवर्तनकारी भूमिका से परिचित कराना था। कार्यक्रम का शुभारंभ छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. साबिद ने कहा कि हिन्दी साहित्य की दुनिया में दलित साहित्य एक ऐसी सशक्त धारा के रूप में उभरा है, जिसने न केवल सामाजिक व्यवस्था को झकझोरा है, बल्कि साहित्य के स्वरूप और उद्देश्य को भी पुन: परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि दलित साहित्य वह साहित्य है जो सदियों से वंचित...