नई दिल्ली, अक्टूबर 9 -- प्रमुख हिंदू संतों के कुछ संगठनों ने गुरुवार को धर्मांतरण विरोधी कानूनों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई किए जाने पर सवाल उठाए। एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने इस कदम की कड़ी आलोचना की। उनका तर्क था कि चूंकि मामला संबंधित राज्य सरकारों से संबंधित है, इसलिए उसे पहले संबंधित उच्च न्यायालयों में याचिकाओं पर सुनवाई करने देनी चाहिए थी। उन्होंने 'देश में कानून जनता के चुने हुए प्रतिनिधि बनाएंगे या जज इस पर सार्वजनिक बहस शुरू करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संतों ने इस मुद्दे को जनता के सामने लाने और इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस शुरू करने का फैसला किया है। इसका...