ढाका, दिसम्बर 22 -- बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को जिंदा जला देने के मामले में पुलिस की सफाई आई है। पुलिस का कहना है कि दीपू चंद्र दास को बचाया जा सकता था, लेकिन हमें जानकारी ही देरी से मिल पाई। पुलिस ने कहा कि दीपू चंद्र दास को भीड़ ने मजहबी भावनाएं आहत करने के नाम पर मार डाला। दीपू चंद्र दास मयमन सिंह जिले में स्थित एक फैक्ट्री में मजदूर के तौर पर काम करते थे। मयमन सिंह जिले के एसपी मोहम्मद फरहाद हुसैन खान ने कहा कि मुझे घटना की जानकारी एक सहायक-उप निरीक्षक ने रात को 8 बजे दी थी। फरहाद हुसैन ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही हम दौड़ पड़े, लेकिन काफी देर हो चुकी थी। सड़क पर सैकड़ों लोग डटे थे। जहां यह घटना हुई, वहां तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था। हम जब तक फैक्ट्री के गेट पर पहुंचे, तब तक घटना हो चुकी थी। हमन...
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