नई दिल्ली, सितम्बर 9 -- लिंगायत समुदाय की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय वीरशैव-लिंगायत महासभा है। इसने कर्नाटक में समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे सामाजिक-आर्थिक सर्वे में खुद को वीरशैव-लिंगायत के रूप में दर्ज कराएं। यह समुदाय हिंदुओं से अलग धर्म के रूप में मान्यता पाने की कोशिश कर रहा है। महासभा की यह अपील 22 सितंबर से शुरू होने वाले जाति गणना सर्वे से पहले आई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार, कांग्रेस नेतृत्व और राहुल गांधी के निर्देश पर इस नए सर्वे को तीन महीने में पूरा करने की योजना है। अगर लिंगायत लोग महासभा की अपील पर अमल करते हैं तो हिंदुओं की संख्या कम दिख सकती है, जो बीजेपी का मुख्य वोट बैंक माने जाते हैं। यह भी पढ़ें- राधाकृष्णन या सुदर्शन रेड्डी? कौन बनेंगे उपराष्ट्रपति; नंबर गेम का इशारा किस तरफ महासभा का कहना है कि पिछले स...