मऊ, अक्टूबर 7 -- मऊ। हिन्दू जनमानस के हृदय को अपनी आभा से आलोकित करती हिंदू सनातनियों को प्रेम, धर्म तथा त्याग की शिक्षा देने वाले महाकाव्य रामायण की रचना करने वाले वाल्मीकि महान ऋषि और महाकवि थे। वाल्मीकि की रचना रामायण आज करोड़ों हिन्दू जन मानस के हृदय को अपनी आभा से आलोकित करती है। यह बातें श्री हनुमत कृपा सेवा समिति के प्रमुख डॉ. राम गोपाल गुप्त ने मंगलवार को बालनिकेतन स्थित श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में श्री सुंदरकाण्ड पाठ के दौरान कही। कहा कि श्रीराम की कथा का वर्णन करते हुए महर्षि वाल्मीकि ने सत्संग, धर्म, त्याग, सेवा और सुमिरन के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा दिया। इसी कारण महर्षि वाल्मीकि को हिंदू धर्म के पितामह की संज्ञा दी गई। आज प्रभु के प्रति समर्पण से मरा मरा कहकर अमरता को प्राप्त कर धर्म पर चलने की प्रेरणा देने वाले 2000 श्लोक...
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