सूरत, अप्रैल 24 -- पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले उन 26 बेगुनाहों के परिवारवाले सिर्फ एक बात बता रहे हैं,आतंकियों ने पुरुषों से कलमा पढ़ने को कहा, धर्म चेक करने के लिए पैंट तक खोली और गैर मुस्लिम होने पर जान ले ली। सूरत के शैलेश कलथिया भी उन 26 लोगों में से एक थे,जिनकी कायरों ने हत्या कर दी। शैलेश के बेटे ने मीडिया के सामने उस भयावह मंजर की कहानी सुनाई है। उसने बताया कि पहलगाम के बैसरन वैली में पिकनिक मनाने आए लोगों को हिंदू और मुसलमानों के नाम पर अलग किया गया और हिंदुओं को गोली मार दी। बेटे ने बताया कि वो सभी कलमा पढ़ने को भी कह रहे थे। मीडिया से बात करते हुए शैलेश कलथिया ने बताया कि कश्मीर बहुत अच्छी जगह है। हम पहलगाम गए थे। वहां हमें घोड़ों से जाना होता है। हमारे वहां (घटनास्थल )पहुंचने के 10 मिनट के अंदर ही आतंकवादी वहां आ गए। ...
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