मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 19 -- मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। जिले के जेपी आंदोलन के सेनानी इन दिनों हाशिए पर डाल दिए गए हैं। उनको ना तो उम्मीदवारी देने में तव्वजो दी जा रही है और ना ही स्टार प्रचारकों की सूची में डाला गया है। अपनी उपेक्षा से इन सेनानियों में रोष देखने को मिल रहा है। जिले के प्रमुख सेनानियों में शामिल हरेन्द्र कुमार कहते हैं कि पिछले 35 सालों से प्रदेश में ऐसी सरकारें बनती बिगड़ती रही हैं, जिनका आधार 1974 का जेपी आंदोलन है। जेपी आंदोलन के नाम पर सरकार में शामिल कई नेताओं ने अपने दल बना रखे हैं। लेकिन, ऐसे किसी भी दल के रहनुमा को आंदोलन के दिनों के अपने साथी की चिंता नहीं है। वे बस अपनी सत्ता की सर्वोच्चता बनाए रखने में मशगूल हैं। वे कहते हैं कि ऐसे ही रहनुमाओं ने आंदोलन से उपजे जार्ज फर्नांडीस जैसे कद्दावर नेताओं को भी नहीं बख्शा...