सासाराम, दिसम्बर 20 -- शिवसागर। धान का कटोरा कहे जाने वाले प्रखंड में किसानों से अधिक इस बार हार्वेस्टर संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मोथा तूफान के बाद खेतों की मिट्टी गीली होने के वजह से हार्वेस्टर नहीं चल पा रहे हैं। केकढ़हा के नरेन्द्र कुशवाहा व गुड्डू कुशवाहा ने बताया कि दो साल की जमा पूंजी भी इस साल हार्वेस्टर चलाने में खर्च हो गई। पहले दिनभर में 20-30 एकड़ धान की कटाई होती थी। लेकिन,इस साल पांच एकड़ में ही दिन बीत जा रहा है। सैना के किसान मुकेश राय ने बताया कि इस साल हार्वेस्टर चलाना घाटे का सौदा साबित हुआ है। मिट्टी गीली होने के कारण बड़े की जगह छोटे हार्वेस्टर ही चल पा रहे हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...