हापुड़, जुलाई 18 -- हरिद्वार और गोमुख से आ रहे कांवड़ियों की भगवान आशुतोष के प्रति आस्था जगजाहिर है। इसलिए गुरूवार को कभी धूप तो कभी बादलों की छांव में कांवड़िया हापुड़ से होते हुए अपने गंतव्य को रवाना हुए। किसी के पैर में छाले पड़े थे तो किसी का शरीर धूप से झुलसा था। लेकिन फिर भी बोल-बम-बम-बम का जयघोष कर कांवड़िया अपनी मंजिल की तरफ आते बढ़ते रहे। वहीं पुलिस-प्रशासन भी कांवड़ियों की सेवा व सुरक्षा में जुटा रहा। 23 जुलाई को शिवरात्रि का पर्व है। ऐसे में कांवड़ यात्रा भी अपने परवान पर चढ़ रही है। शिवरात्रि के नजदीक आने की वजह से हरिद्वार और गौमुख से आने वाले आगरा, मथुरा, हाथरस, बुलंदशहर, खुर्जा के कांवड़ियों की संख्या बढ़ने लगी है। मेरठ रोड, बुलंदशहर रोड, गढ़ रोड, दिल्ली रोड और नेशनल हाईवे पर कांवड़ियां का रैला चल रहा है, इससे हापुड़ शिवमय हो गया है। भोल...
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