मिर्जापुर, नवम्बर 6 -- मिर्जापुर। चुनार रेलवे पर बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा की जगह काली अमावस बन गया। काल बन कर पहुंची कालिका मेल ने छह जिंदगीयों को पल भर में मांस के लोथड़े में तब्दील करते हुए गुजर गई। इसके बाद गंगा स्नान कर पुण्य कमा कर जीवन को खुशहाल बनाने की खुशी की चहक पूरी तरह करूण क्रंदन-चित्कार में बदल चुकी थी। चुनार स्टेशन पर अचानक मची चीख-पुकार मचते ही अफरा-तफरी से आसपास के लोग भी सहम गए। जो जहां था उल्टे पांव स्टेशन की दौड़ पड़ा। स्टेशन पर पहुंचा तो जो देखी उनकी आंखे फटी रह गईं और पैरों को जैसे लकवा मार गया। रेलवे ट्रैक पर आधा दर्जन महिलाओं और युवतियों का हसता खेलता पार्थीव शरीर मांस के ढेर में परिवर्तित हो चुका था। तस्वीर इतनी विभत्स थी कि शवों की पहचान करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था। परिजनों से लेकर ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.