जमशेदपुर, जुलाई 19 -- झारखंड में हाथियों के लिए मुफीद माने जाने वाले दलमा और सारंडा जैसे घने वन क्षेत्र अब उनके लिए मौत की जगह बनते जा रहे हैं। इन इलाकों में हाथियों की संख्या 100 से ज्यादा है, लेकिन लगातार घटते जंगल, टूटते प्रवास मार्ग और बढ़ते मानवीय दखल ने इन हाथियों को संकट में डाल दिया है। शुक्रवार को झाड़ग्राम (पश्चिम बंगाल) में ट्रेन से कटकर तीन हाथियों की मौत से पता चलता है यहां हाथी अब सुरक्षित नहीं हैं। वन एवं पर्यावरण के जानकार डीएस श्रीवास्तव की मानें तो दलमा वन्यजीव अभयारण्य से हाथी हर साल मानसून के दौरान पश्चिम बंगाल की ओर पलायन करते हैं। लेकिन झारखंड-बंगाल सीमा पर बनाए गए गहरी खाई (ट्रेंच) ने उनके पारंपरिक प्रवास मार्गों को बाधित कर दिया है। खतरनाक और फिसलन भरी पहाड़ियों से बचते हुए जब हाथी रास्ता भटकते हैं तो वे रेल पटरियो...