बिजनौर, जुलाई 14 -- क्षेत्र अंतर्गत फैज़ुल्लापुर स्थित मदरसा दारुल उलूम कासमिया में हज करके लौटे हाजियों के इस्तकबाल में तक़रीर का आयोजन किया गया। उनवान 'फिक्र-ए-ज़िंदगी रखा गया, जिसमें हज के बाद की ज़िंदगी को बेहतर, सादा और अल्लाह की रज़ा के मुताबिक़ कैसे जिया जाए, इस पर विस्तार से रोशनी डाली गई। कार्यक्रम की सदारत अमरोहा से आए मेहमान-ए-ख़ुसूसी मुफ्ती शाहिद ने की। उन्होंने अपने बयानों में हज की अहमियत और उसके बाद एक मुसलमान की ज़िम्मेदारियों पर जोर दिया। मुफ्ती शाहिद ने कहा कि हज सिर्फ एक इबादत नहीं, बल्कि ज़िंदगी को बदलने वाला पैग़ाम है। उन्होंने हाजियों से अपील की कि वे अपने समाज और खानदान में नेक आमाल, सौहार्द और ईमानदारी की मिसाल बनें। इस मौके पर मुफ्ती अली हसन ने सभी हाजियों का इस्तकबाल किया। कार्यक्रम का संचालन (निज़ामत) मुफ्ती आदि...