भोपाल, जुलाई 30 -- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब पूर्व केमिस्ट्री प्रोफेसर ममता पाठक ने बिना वकील के अपने पति की हत्या के मामले में खुद की पैरवी की। उनकी वैज्ञानिक दलीलें और आत्मविश्वास ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया, लेकिन 97 पेज के विस्तृत फैसले में कोर्ट ने उनकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा।पति की रहस्यमयी मौत और हत्या का इल्जाम छतरपुर की रहने वाली केमिस्ट्री की प्रोफेसर ममता पाठक पर उनके पति डॉ. नीरज पाठक की हत्या का आरोप लगा। डॉ. नीरज, एक रिटायर्ड सरकारी डॉक्टर थे। उनकी 2021 में घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुरुआत में पुलिस ने इसे बिजली के झटके से हुई मौत माना, लेकिन फॉरेंसिक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सनसनीखेज खुलासा किया। जांच में हत्या का शक गहराया और ममता के खिलाफ केस दर्ज हुआ। 2022 में ...