नई दिल्ली, नवम्बर 13 -- नई दिल्ली, प्र. सं.। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सरकार और दिल्ली नगर निगम से भिखारियों, बेसहारा या प्रवासी बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान व विभिन्न अन्य कानूनों के तहत बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना राज्य का कर्तव्य है। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य मूकदर्शक नहीं बन सकता। पीठ ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग व दिल्ली नगर निगम से 14 वर्ष तक की आयु के भिखारियों, निराश्रित या प्रवासी बच्चों के लिए अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके द्वारा उठाए जा रहे कदमों का विवरण देते हुए अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। पीठ ने उन्हें हलफनामा दाखिल करने के लिए छह स...