नई दिल्ली, जून 21 -- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के दोषी की मृत्युदंड की सजा को 25 वर्ष के कठोर कारावास में बदल दिया। अदालत ने यह देखते हुए सजा में बदलाव किया कि वह अशिक्षित और एक गरीब आदिवासी परिवार से है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने अपने आदेश में दोषी पर 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। खंडपीठ ने स्वीकार किया कि अपीलकर्ता ने एक 'क्रूर कृत्य किया, क्योंकि उसने एक बच्ची से दुष्कर्म किया और बाद में उसका गला घोंट दिया। साथ ही, पीठ ने कहा कि वह 20 वर्ष का अशिक्षित युवक है और आदिवासी समुदाय से है। वह एक ढाबे में रह रहा था और आजीविका के लिए काम कर रहा था। अदालत ने कहा कि ढाबे का माहौल अच्छी परवरिश के लिए अनुकूल नहीं हो सकता। इसलिए, अदालत ने सजा में बदलाव किया। खंडवा जिले की विशेष पॉक्सो ...