लखनऊ, अगस्त 19 -- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून के तहत दिए गए दाखिलों का विवरण मांगा है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि चार सप्ताह में राज्य सरकार शपथ पत्र देते हुए प्रदेश भर के उन प्रत्येक स्कूलों का विवरण दे, जहां आरटीई के तहत आर्थिक कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिले दिए गए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने महेंद्र नाथ राय की ओर से वर्ष 2015 में दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। न्यायालय ने यह भी कहा है कि स्कूलों के विवरण में यह भी स्पष्ट किया जाय कि वे सरकारी हैं अथवा प्राइवेट। इसके पूर्व न्यायालय ने सरकार की ओर से दाखिल उस शपथ पत्र को संतोषजनक नहीं पाया जिसमें आरटीई के तहत किए गए दाखिलों का जिलेवार आंकड़ा दिया गया था।

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