नई दिल्ली, नवम्बर 7 -- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष और बीना विधायक निर्मला सप्रे को एक याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में कांग्रेस छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के कारण उनकी अयोग्यता पर फैसला लेने में हुई देरी को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और अध्यक्ष और सप्रे से जवाब मांगा। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी ने तर्क दिया कि अध्यक्ष की निष्क्रियता सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानूनी सिद्धांतों के विपरीत है। सुनवाई के दौरान, पीठ ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से पूछा कि 16 महीने बीत जाने के बावजूद अध्यक्ष ने अयोग्यता याचिका पर फैसला क्यों नहीं सुनाया। इसके बाद अदालत ने अध्यक्ष और सप्रे को नोटिस जारी ...