नई दिल्ली, अगस्त 11 -- हाईकोर्ट के जज किसी से कमतर नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक वादी और उसके वकीलों को तेलंगाना हाईकोर्ट के उन जज से बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश देते हुए टिप्पणी की। दोनों लोगों ने हाईकोर्ट के जज के खिलाफ 'अपमानजनक आरोप लगाए थे। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर की पीठ ने स्वत: संज्ञान वाली अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के जज के खिलाफ आरोप अवमाननापूर्ण हैं और उन्हें माफ नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट के जज संवैधानिक पदाधिकारी हैं और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के समान सम्मान एवं छूट प्राप्त है। अवमानना नोटिस मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने 'बिना शर्त माफी मांगी। पीठ ने निर्देश दिया कि पहले से...