नई दिल्ली, जुलाई 8 -- नई दिल्ली। देश में हाइड्रोजन की मांग 2032 तक तीन प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ 88 लाख टन प्रति वर्ष होने की उम्मीद है। भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन (आईएसए) की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह के पहले दिन यहां जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 90 लाख टन सालाना से अधिक क्षमता की हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की घोषणाओं के बावजूद, उनमें से कुछ ही अंतिम निवेश निर्णय पर पहुंच पाई हैं या घरेलू अथवा अंतरराष्ट्रीय बाजारों से दीर्घकालिक खरीद को लेकर समझौते किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 92 लाख टन सालाना हरित हाइड्रोजन परियोजना घोषणाओं में से 82 प्रतिशत चार राज्यों में हैं। ये राज्य हैं... ओडिशा (38 प्रतिशत), गुजरात (26 प्रतिशत), कर्नाटक (12 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (6 प्रतिशत)।

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