नई दिल्ली, अप्रैल 20 -- दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर 14 मार्च को लगी आग की घटना को लेकर गठित सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय जांच समिति ने पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा, डीसीपी (नई दिल्ली जिला) देवेश महला, और अन्य प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले कर्मियों से गहन पूछताछ की है। पूछताछ में दो मुख्य सवाल उठाए गए हैं। आग के दौरान मौके पर मौजूद नकदी जब्त क्यों नहीं की गई? आग लगने के दृश्य वाला वीडियो कर्मियों के मोबाइल से क्यों डिलीट किया गया? इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि समिति को बताया गया कि इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी, इसलिए नकदी की जब्ती नहीं की जा सकी। पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए मामले को अपने वरिष्ठों को सौंपा, ज...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.