नई दिल्ली, अक्टूबर 31 -- POCSO केस में दोषी साबित हुए एक युवक को सुप्रीम कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। दरअसल, कोर्ट ने पाया कि उसने पीड़िता के साथ शादी कर ली है, दोनों का बच्चा है और खुशी से रह रहे हैं। अदालत ने कहा कि यह अपराध हवस नहीं प्यार का नतीजा था। इसके जस्टिस दीपांकर दत्त और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पाया कि दोनों के बीच रिश्ता सहमति से बना था। बार एंड बेंच के अनुसार, कोर्ट ने कहा, 'पॉक्सो एक्ट के तहत दंडनीय अपीलकर्ता के अपराध पर विचार करते हुए हमने पाया है कि अपराध वासना का नहीं, बल्कि प्यार का नतीजा था। पीड़िता ने खुद ही अपीलकर्ता के माथे पर लगे अपराधी के कलंक को मिटाकर उसके साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने की इच्छा जताई है। वह उस पर निर्भर भी है।'यहां समझें पूरा केस युवक पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग लड़की को भगाकर ले जाने और यौन उत्पीड़...
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