विधि संवाददाता, जनवरी 28 -- Hindu Marriage: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक निर्णय में कहा है कि हिंदू विवाह को पहले वर्ष के भीतर तब तक भंग नहीं किया जा सकता, जब तक हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 14 के प्रावधानों के तहत असाधारण कठिनाई या असाधारण भ्रष्टता जैसे असाधारण आधार स्पष्ट रूप से प्रदर्शित न किए जाएं। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि दो हिंदुओं के बीच विवाह पवित्र है और इसका विच्छेद केवल कानून में मान्यता प्राप्त कारणों से ही स्वीकार्य होगा। इसका विघटन हल्के में या तुच्छ आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने पारिवारिक न्यायालय सहारनपुर के निर्णय को चुनौती देने वाली अपील को खारिज करते हुए दिया है। पारिवारिक न्यायालय ने वैधानिक एक वर्ष की प्रतीक्षा अवधि समाप्त होने से पह...