हल्द्वानी, मार्च 1 -- हल्द्वानी । शहर में बिती रात रमजान-उल-मुबारक का चांद नजर नहीं आया, जिससे अब पहला रोजा 2 मार्च को रखा जाएगा। काजी-ए-शहर मुफ़्ती मोहम्मद आज़म क़ादरी ने जामा मस्जिद में चांद न दिखने की आधिकारिक घोषणा की। इस्लामी शरीयत के अनुसार जब चांद नजर नहीं आता, तो महीने को 30 दिन पूरा किया जाता है। इसी आधार पर 1 मार्च को 30 शाबानुल-मुअ़ज़्ज़म और 2 मार्च को रमजान-उल-मुबारक की पहली तारीख होगी। मुफ्ती मोहम्मद आज़म कादरी ने बताया कि हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में चांद देखने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन कहीं से भी इसकी पुष्टि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि रमजान रहमतों और बरकतों का महीना है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा इबादत और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। हल्द्वानी की जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में तरावीह, कुरआन की तिलावत और इफ्तार की व्...