उरई, दिसम्बर 17 -- जालौन। संवाददाता नगर के लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा भगवान शिव के विवाह प्रसंग का वर्णन किया गया। कथा के दौरान पूरा परिसर हर हर महादेव के जयकारों से गूंजता रहा। शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा वाचक साध्वी समाहिता दीदी ने भगवान शिव के विवाह प्रसंग का वर्णन कर बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह केवल एक पौराणिक घटना नहीं, बल्कि आदर्श दांपत्य जीवन का संदेश देता है। शिव का वैराग्य और पार्वती की तपस्या यह सिखाती है कि जीवन में धैर्य, श्रद्धा और विश्वास का विशेष महत्व होता है। भगवान शिव त्याग, तप और करुणा के प्रतीक हैं। उन्होंने समझाया कि शिव का जीवन हमें सिखाता है कि अहंकार त्याग कर सरलता और सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए। शिव परिवार में सभी जीवों का समावेश है, जो समरसता और समानता ...