देहरादून, जून 7 -- उत्तराखंड में मेट्रो रेल का सपना आठ साल बाद भी अधूरा है। इस बीच करीब 90 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ है। राजधानी देहरादून में सबसे पहले मेट्रो रेल चलाई जानी थी, लेकिन अभी तक डीपीआर तक नहीं बन पाई है। वर्ष 2017 में उत्तराखंड मेट्रो रेल, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूकेएमआरसी) के गठन के आठ साल बाद भी धरातल पर कहीं कुछ नजर नहीं आ रहा है। कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों को देखें तो यहां वेतन पर ही करीब साढ़े छह करोड़ रुपये सालाना खर्च हो रहे हैं। जबकि डेढ़ करोड़ रुपये सालाना अन्य मदों में खर्च हो रहे हैं। इस तरह से करीब आठ करोड़ रुपये प्रतिवर्ष कॉरपोरेशन पर खर्च किए जा रहे हैं। करीब 40 लोगों का स्टाफ यहां काम कर रहा है। इनमें से भी अधिकतर लोग दि...