पडरौना, मार्च 21 -- कुशीनगर। कभी पेड़ों और जंगलों से आच्छादित रहने वाले कुशीनगर जनपद में हरियाली बढ़ने के बजाय निरंतर घटती जा रही है। जंगल ही नहीं, काफी हद तक नहरों के किनारे लगे पेड़ों का सफाया भी हो चुका है, लेकिन चोरी से पेड़ काटने वालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हालांकि, शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन हर साल 10 लाख से अधिक पौधे लगवाता आ रहा है, लेकिन उचित देखभाल के अभाव में ज्यादातर पौधे, पेड़ का आकार नहीं ले पाते। इस साल जिले में 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है, जिसे 32 विभाग मिलकर लगाएंगे। बताया जाता है कि पांच दशक पूर्व तक जनपद का अधिकांश हिस्सा जंगलों से भरा पड़ा था। यही वजह थी कि अधिकांश ऐसे गांव थे, जिनके साथ जंगल शब्द जुड़ा हुआ था। आबादी बढ़ी तो जंगल कटते गए। इसमें मन माफियाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलाव...