सिमडेगा, अप्रैल 30 -- सिमडेगा। जिले के हजारों मजदूरों का भविष्य आज भी अंधकार में है। हर साल हजारों मजदूर काम की तलाश में पलायन करते हैं। लेकिन हर साल जिले के दर्जनों मजदूरों का शव घर पहुंच रहा है। जबकि कई मजदूरों का तो शव भी सिमडेगा नहीं पहुंची। दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूरों के गुमशुदा होने के मामले भी आते रहते हैं। दूसरे राज्यों में गुमशुदा होने वाले इन मजदूरों का कोई पता ही नहीं चलता। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 में जिले के 35 मजदूर दूसरे राज्यों से शव बनकर घर लौटे हैं। हालांकि दूसरे राज्यों में काम करने जाने वाले मजदूरों के मौत का आंकड़ा कहीं ज्यादा है। जो विभाग तक नहीं पहुंची। कई मजदूरों का शव जब गांव लौटा था, तो घर में मातम और गांव में खामोशी थी। कोई पूछने वाला तक नहीं था कि कौन ज़िम्मेदार है। इन मजदूरों के परिजनों ...