लखनऊ, दिसम्बर 18 -- कोडीनयुक्त नशीले कफ सिरप का पूरा सिंडीकेट यूपी में यूं ही नहीं विकसित हुआ। इसके लिए जालसाजों ने पूरा ईको सिस्टम विकसित किया। बिना किसी खरीद-फरोख्त किए ही, मेडिकल स्टोर संचालकों को 10 रुपये प्रति बोतल के हिसाब से भुगतान किया जाता था। यह फीस थी उन बिलों की जो इन फर्मों के नाम पर काटे जाते थे। जांच में ऐसी दर्जनों फर्में सामने आईं हैं, जिनका प्रयोग केवल नशीले कफ सिरप की बिलिंग के लिए किया गया। यूपी में नशीले कफ सिरप के बड़े कारोबार का बीते दिनों खुलासा हुआ था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच में इस खेल में शामिल बड़ा सिंडीकेट सामने आया। हालांकि अभी भी कई सफेदपोशों तक पहुंचना बाकी है। बिना सियासी व विभागीय संरक्षण के इतने बड़े पैमाने पर यह अवैध कारोबार नहीं पनप सकता। ईडी अभी तक इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी क...