नई दिल्ली, दिसम्बर 4 -- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह हर तोड़फोड़ यानी बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सीधे सुनवाई नहीं कर सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही विस्तार से फैसला/दिशा-निर्देश जारी किया गया है। ऐसे में लोगें को सीधे सुप्रीम कोर्ट आने के बजाय संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। जस्टिस विक्रमनाथ और संदीप मेहता की पीठ ने यूपी के एक 75 साल के बुजुर्ग और अन्य व्यक्ति की संपत्ति को गिराने पर एक सप्ताह के लिए अंतरिम रोक लगाते हुए यह टिप्पणी की है। याचिका ने आरोप लगाया है कि नोटिस जारी और पक्ष रखने का मौका दिए बगैर ही उनके आवासीय और विवाह हॉल को गिराने की कार्रवाई की जा रही है। पीठ ने याचिकाकर्ता फरहत जहां की ओर से अधिवक्ता रऊफ रहीम की दलीलों को सुनने के बाद पारित आदेश में कहा कि हम एक सप्ताह...