सिमडेगा, फरवरी 25 -- सिमडेगा, प्रतिनिधि। जिले में लवारीश आतंक यानी कुत्तों से लोग खौफजदा रहते हैं। आए दिन लोगों को सड़क चलते इनका निशाना बनना पड़ता है। वहीं कई बार इससे छोटे-छोटे बच्चे भी चपेट में आ जाते हैं। सदर अस्‍पताल में प्रतिदिन 10 से 15 केस, यानी हर माह 270 से 300 कुत्‍ता काटने के मामले आते हैं। अगर एक साल में कुत्‍ता काटने के मामलों की अगर बात करें तो 3500 से भी अधिक मामले दर्ज होते हैं। कुत्तों के काट लेने के बाद लोग न सिर्फ शारीरिक रूप से कष्ट झेलते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी अस्वस्थता झेलनी पड़ जाती है। ऊपर से नियमित एंटी रेबीज का इंजेक्शन दिलवाने के लिए अलग परेशान होना पड़ता है। विदित हो कि इन कुत्तों का आतंक शहर से लेकर गांव तक होता है। मुहल्लों में इनका बकायदा गैंग होता है। सड़क के किनारे अथवा कूड़ेदान में कोई समान वगैरह फेंकने ज...