चंडीगढ़, जून 23 -- दारू और बारू यानी बालू के ठेकों को अच्छी कमाई का जरिया माना जाता रहा है। किसी भी राज्य में शराब के ठेकों के लिए बोली लगाने की होड़ रहती है और इसकी वजह इनसे होने वाली मोटी कमाई है। लेकिन हरियाणा में लोग शराब के ठेकों के लिए बोली ही नहीं लगा रहे हैं। इसकी कई वजहें हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कारण इस धंधे में गैंगस्टरों का शामिल होना है। इसके चलते कोई भी ऐसा व्यक्ति इस धंधे के लिए बोली नहीं लगाना चाहता है, जो बाहुबली न हो और क्राइम से उसका वास्ता न हो। हरियाणा में सरकार के लिए शराब उद्योग से मिलने वाला रेवेन्यू विकास और गरीब कल्याण की नीतियां बनाने में काम आता रहा है। नायब सिंह सैनी सरकार के लिए चिंता की बात यह है कि प्रदेश के 22 जिलों में से 20 ऐसे हैं, जहां शराब के ठेकों के लिए कोई बोली ही नहीं लगी है। 5 बार ऑनलाइन नीलामी का ...