हरिद्वार, फरवरी 18 -- पारिजात साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच की ओर से आयोजित सबरंग गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाएं पेश कर खूब वाहवाही बटोरी। मंच के अध्यक्ष सुभाष मलिक के शिवालिक नगर आवास पर हुई गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख दीप जलाकर किया गया। इसके बाद कवियित्री कंचन प्रभा गौतम ने मेरे कंठ में जो भी स्वर है, वो तेरा ही है वरदान वन्दना पेश की। वरिष्ठ कवि गिरीश त्यागी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मंच के संरक्षक मदन सिंह यादव ने संचालन किया। अरुण कुमार पाठक ने आओ देखें मां गंगा क्या कहती है, गोमुख से गंगासागर क्यों बहती है में गंगा की व्यथा कथा सबके सम्मुख रखी। सुभाष मलिक ने तंज कशा कि, मैं परंपरा का दास नहीं, रूढ़ी में मेरा विश्वास नहीं। गिरीश त्यागी ने जीवन को जीना होता है, चाहे जितना भी दुख आए, डा. शिव शंकर जायसवाल ने इम्तिहान क...