गुड़गांव, नवम्बर 4 -- गुरुग्राम। सेक्टर-81 से लेकर 115 तक विकसित हरित क्षेत्र में शोधित पानी की सप्लाई करने का टेंडर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के बीच फंस गया है। पाइप लाइन को डालने के लिए एनएचएआई ने जीएमडीए को करीब 20 करोड़ रुपये देने हैं। राशि को देने में देरी की जा रही है। सात साल पहले जीएमडीए ने द्वारका एक्सप्रेस वे के साथ-साथ शोधित पानी की पाइप लाइन दबाई थी। जब इस एक्सप्रेस वे का निर्माण एनएचएआई को सौंपा गया तो उसे करीब डेढ़ किमी लंबी शोधित पानी की पाइप लाइन को स्थानांतरित करना था। एनएचएआई अधिकारियों ने शोधित पानी की पाइप लाइन को स्थानांतरित करने की बजाय इसके ऊपर बरसाती नाला बना डाला। आरोप है कि बरसाती नाला निर्माण के दौरान जीएमडीए अधिकारियों ने ऐतराज जताया, लेकिन एनएचए...
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