नई दिल्ली, मई 20 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (जीईएम) की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वैश्विक इस्पात उद्योग 2030 तक हरित उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के करीब है लेकिन इसमें भारत की भूमिका निर्णायक होगी। यदि भारत ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किए तो विश्व इस लक्ष्य से चूक सकता है। लक्ष्य रखा गया था कि 2030 तक वैश्विक इस्पात उद्योग अपना 38 फीसदी उत्पादन कम उत्सर्जन वाली इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस तकनीक से करे। जीईएम के अनुसार मौजूदा रुझान के अनुसार 36 फीसदी क्षमता हासिल होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार भारत इस समय दुनिया की सबसे तेज इस्पात उत्पादन अर्थव्यवस्था है। 2030 तक भारत की उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगा और यह दुनिया की कुल क्षमता के 40 फीसदी से भी अधिक होगा। लेकिन इसमें चिंता की बात यह है कि भारत की क्ष...
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